शब्दों की लम्बाई से
शब्दों की चौड़ाई से
शब्दों की गहराई से
शब्दों की रसाई से
रिश्ते और जीवन
बनते हैं।
शब्दों की पिटाई से
शब्दों की ढिठाई से
शब्दों की खिंचाई से
शब्दों की घिसाई से
रिश्ते और जीवन
बिगड़ते हैं.
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ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लिजे इक आग का दरिया है और डूब के जाना है...!!
Are Singh SAHEB SHABDH mai hi to SANSAAR hai.
ReplyDeleteशब्दों का अच्छा वर्गीकरण किया आपने तो ...बहुत खूब .....!!
ReplyDeleteअच्छा वर्गीकरण.
ReplyDeleteso true!!!
ReplyDeleteरिश्ते और जीवन
ReplyDeleteबिगड़ते हैं.
waaqai mein sahi kaha aapne......... shabdon ko bahut hi achche se aapne apni kalam mein dhaala hai...
सही कहा!
ReplyDeleteprtikriya ke liye shukriya.
ReplyDeletebahut khoobsurat . thode me bahut kah diya. keep writing and i m there to follow.
ReplyDeleteBy the way, thanx for being my follower too at my blog "shriarunji@blogspot.com" in "shabdo ke pankh"
..... Arun Kumar Mishra