हम तुम न होते
तो ये रिश्ते न होते।
ये रिश्ते न होते तो
जिंदगानी के इतने किस्से न होते।
इतने रस्मो-रिवाज़ न होते
इस दुनिया के इतने हिस्से न होते।
न ज़मीं होती न आसमां होता
इस आसमां में उड़ते परिंदे न होते।
न साज़ होता न आवाज़ होती
जीवन-संगीत के इतने साजिन्दे न होते।
न ख़ुदा होता न खुदाई होती
हर जगह उसके इतने कारिन्दे न होते।
"प्रताप" अगर ये मुल्क न होता तो
हम जैसे उश्शाक सरफ़रोश बाशिंदे न होते।
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आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं.
ReplyDeleterishton ki khasoosiat aap ki ghazal me numaya hoti hai.................badhai
ReplyDeletesundr aur aapka swagat .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तिया.
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
गुलमोहर का फूल
Prabal pratap ji
ReplyDeletebhut achha likha hai aapne...
blog jagat men swagat. rachna achchi hai.
ReplyDeleteकाफी अच्छी गजल कहते हैं आप। मेरे ब्लॉग पर भी आएं।
ReplyDeleteआपका हार्दिक अभिनन्दन....एक प्रबल अभिव्यक्ती
ReplyDeleteहुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं .......
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
कृपया एक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर
wah bhai wah ! narayan narayan
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है. गजल बहुत अच्छी है.
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तिया.
ReplyDeleteNaaa hum anjaan the, Naa tum naadan the
ReplyDeletebus is jindgi ke jhamelon se pareshaan the.
Waqt ki karvaton mein jindgi ki silwaton mein,
is qadar uljhe ki kuchh hairaan the.
Nahin aasan hai apnon se door rehna, bina doston ke har khushi aur gam se guzarna
Par kuchh aise majboor hain, apni jaddojahad mein masroof hain, varna dost hum pe aur hum bhi doston pe kurbaan the.
comment ke lie aap sab logon ka shukria...!
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